Tuesday, January 22, 2013

[IAC#RG] गाँधी मैदान चले के बा

३० जनवरी

३० जनवरी आवता भाई,
गाँधी मैदान चले के बा,
गाँधी जी के टूटल सपनवां,
हमनी के मिल के जोड़े के बा..३० जनवरी..

जगवाले रहीं जे.पी जी,
ओहिजे से जनता के,
आवत बानी अन्ना जी भी,
फिर से अलख जगावे के बा... ३० जनवरी..

जनता के गद्दी नेता-लोग,
खानदानी बनवले बान,
जनता के बीच से अबकी,
जनसेवक के चुने के बा ... ३० जनवरी..

जब जनलोकपाल आई,
सब भ्रष्टन के भगाई,
वापस बुलावे के अधिकार,
अबकी बार लेवे के बा .. ३० जनवरी..

गलत नेता के नकारल जाई,
के गलत के उमीदवार बनाई?
चाहि उमीदवार चुने के अधिकार,
जितावे के अधिकार पहीले से बा.. ३० जनवरी..

व्यवस्था के जब बदलल जाई,
ओकरा में सभे ढल जाई,
माई-बहिन के सम्मान मिले,
समाज के भी अब बदले के बा.. ३० जनवरी..

गाँधी जी के शहादत ,
हमनी के ना भुलावल जाई,
सम्पूर्ण आज़ादी, सम्पूर्ण क्रांति,
अबकी जमीन पर उतारे के बा. ... ३० जनवरी..

जो भी देश के साथ हैं... उनका गाँधी मैदान आना आवश्यक है... जाति -
सम्प्रदाय - भाषा - क्षेत्र - दल - संगठन सबके ऊपर देश है.

ॐ . ੴ . اللّٰه . † …….
Om.Onkar. Allâh.God…..
Jai Hind! Jai Jagat (Universe)!
-Ghulam Kundanam,
Volunteer, IAC & AAP.
9931018391.

FB link :-
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=325701667540063&set=a.108178659292366.14826.108094402634125&type=1&relevant_count=1

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.