आंदोलन
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एक आंदोलन
हमने भी किया था।
न रेल रोके थे,
न सड़क ही
जाम किया था।
खुद भुखे रहे पर,
औरों को हमने
कोई कष्ट न दिया था।
सामने भ्रष्टाचार का
महा शक्तिशाली
गठजोड़ खड़ा था।
हमारे पास तो बस
आत्मविश्वास का छोटा सा
संबल पड़ा था।
बड़े-बड़े नौकरशाह
और नेता कांप उठे थे,
जब हमारा देश में
तिरंगा गड़ा था।
आज जाति-संप्रदाय
भाषा - क्षेत्र की
संकीर्णता फैला,
देश में जान - माल सहित
संविधान को भी
परोक्ष रूप से जला,
सत्ता और सिंहासन की दौड़ में,
भारत माँ का
आंचल और गोद
दोनों जा रहा कुचला। भारत …
जनलोकपाल आंदोलन के दौरान शांतिपूर्ण और पूर्णत: अहिंसक आंन्दोलन कर
हमारे साथियों ने एक मिसाल कायम की थी। एक कंकड भी नहीं उछाले गए थे। पर
आज धर्मसत्ता और राजसत्ता के लोभ में जाति - संप्रदाय - भाषा - क्षेत्र
की संकीर्णता फैलाकर जिस प्रकार की हिंसा धर्म-जाति सत्ता समूहों,
राजनैतिक दलों या उनकी विभिन्न पीछलग्गू संगठनों द्वारा फैलाई जा रही है,
वह देश की एकता - अखंडता, विकास और समृद्धि सबको बहुत ही नुकसान पहुँचा
रही है। लोकतंत्र के चारो स्तंभ भ्रष्टाचार में अकाट्य डूब चुके हैं या
सत्ता समूह के गुलाम हो चुके हैं । आम जनता महँगाई और भाग - दौड़ की
जिंदगी में पीस रही है। बेरोजगारी के कारण देश के युवा भटक रहे हैं या
गलत लोगों के चंगुल फंसकर गुमराह हो रहे हैं।
फिर भी आशा है … हमारा गणतंत्र इन झंझावातों को पार कर आने वाले दिनों
में प्रेम - भाईचारा, सत्य - अहिंसा, ईमानदारी और नैतिकता, समृद्धि और
खुशहाली, ज्ञान और विज्ञान की मिशाल कायम करेगा।
सभी देशप्रेमी भाई - बहनों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं उज्जवल
भविश्य की शुभकामनाएँ … मंगलकामनाएँ।
Õm - Õnkār - Allāh - God…..
ॐ - ੴ - الله - † …….
Jai Hind! Jai Jagat (Universe)!
- ग़ुलाम कुन्दनम्
(Ghulam Kundanam).
25/01/2018
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