Thursday, July 3, 2014

Re: [IAC#RG] "आप" का दागी नेता

SANJIT RODRIGUES HAS A LOT TO ANSWER


By Aires Rodrigues


Every government officer is required under Rule 18(1) (ii) of the CSS (Conduct) Rules, 1964 to annually file a statement of all his immovable assets. They are also required to obtain prior sanction before acquiring any immovable assets.


Sanjit Robert Rodrigues who is glued to the post of Managing Director of Goa State Infrastructure Corporation for a record over five years also holding additional charge as Commissioner of City of Panaji had on 15th March 2010 in a signed declaration stated that he did not own any immovable property. However in a statement on 19th June 2014 Sanjit Rodrigues has declared that he owns a 130 sq mt flat at Landscape House of Lords in Miramar besides two flats admeasuring 132.43sq mts and 95.44 sq mts respectively also at an exclusive complex Sapna Habitat in Porvorim.


This has been all revealed in the information obtained from the Personnel Department at the Secretariat under the Right to Information Act.


As per the documents in that statement dated 19th June 2014 Sanjit Rodrigues has given the present value of his 130 sq mt flat at Miramar as a mere 15 lakhs while he has given the value of his 132.43 flat at Porvorim as Rs 19,29,020 while that of his other flat at Porvorim admeasuring 95.44 sq mt as Rs 14,11,160.


Sanjit Rodrigues has misled the government that the value of his three flats together is under 50 lakhs when the value today would be almost three crores if not more.  


Interestingly as per the other documents also obtained under RTI Act, by a declaration made on 27.09.2002 Sanjit Rodrigues sought government permission to purchase that 130 sq mt flat at Miramar at a cost of Rs 15 lakhs for which two lakhs he would pay from his personal savings, five lakhs by a loan from his mother and sister and the balance eights lakhs through a bank loan. Incidentally Sanjit Rodrigues was the Chief Officer of the then Panaji Municipal Council when he bought that flat at Landscape House of Lords in Miramar.


On 20th May 2008 Sanjit Rodrigues further sought sanction to buy a 132.43 sq mt flat at Sapna Habitat at a cost of Rs 19,29,020 for which Rs six lakhs would be paid  by way of a loan from his father and sister and Rs 3,29,020 from his personal savings while Rs 10 lakhs by a bank loan.


On 4th November 2010 Sanjit Rodrigues again sought government permission to purchase a 95.44 sq mt flat also at Sapna Habitat in Porvorim at a cost of Rs 14, 11,160 to be paid by a loan of seven lakhs from his father and sister while the remaining amount was to be paid from his and wife's personal savings.  


There needs to be a detailed vigilance probe into all these three transactions involving Sanjit Rodrigues as all the three flats have been grossly undervalued by him. Besides there needs to an inquiry into the trail of the money he says was by way of loan from his father, mother and sister. Is it all a cock and bull story?


The very astute and smooth operator that he is Sanjit Rodrigues has ably been on the right side of every Chief Minister regardless of the party in power. Like a busy bee he has been able to pocket and occupy all plum honey loaded posts. Many officers in the Goa Administration are on fake or forged degrees but for Sanjit Rodrigues the only saving grace is that his B.Com degree and Catering diploma are both not adulterated.


Sanjit Robert Rodrigues joined the Goa Civil Service as Junior Grade officer in March 1997. Prior to that from 1995 he was a Trainee Chef at the Taj Fort Aguada Beach Resort.


So if you want to grow rich Bill Gates or the Ambanis may be no inspiration. Sanjit Rodrigues with all those spicy tricks may be the ideal person to prescribe you the right recipe to amass wealth. 


N. Suryanarayan who within a few years took voluntary retirement and Sanjit Rodrigues are not the only officers who have excelled in piling up assets. Such officers need to be ruthlessly flushed out of the administration. Goa Chief Minister Manohar Parrikar had vowed that it would be Zero tolerance to Corruption. Possibly what he really meant was Zero action against Corruption.



2014-07-03 11:00 GMT+05:30 Ghulam kundanam <ghulam.kundanam@gmail.com>:
"आप" का दागी नेता
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भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल फ़ुका,
जेल जाने से भी मैं  ना  चुका,
भ्रष्ट व्यवस्था ही भारी पड़ गयी,
बन गया "आप" का दागी नेता। बन गया …

हत्या-अपहरण का दोषी बताते,
देश के अमीर खान अभिनेता,
वे देश दुनिया में वाहवाही पाते,
वाह ! सत्यमेव जयते के प्रणेता। बन गया …

चुनाव आयोग तक गुहार लगाई,
वहाँ से भी कभी जबाब ना आई,
निर्वाचन सदन की दीवारें शरमाई,
संपत साहब को कोई जगा लेता। बन गया …

ई-मेल, ई-फ़ाईल और स्वयं जाकर,
उच्चतम न्यायालय को भी पुकारा,
"आम आदमी" इस व्यवस्था से हारा,
अदालतों पर कोई भरोसा दिला देता। बन गया …

कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका,
चौथा स्तंभ पत्र - पत्रकारिता,
ये चारो खम्भे डगमगा रहे हैं,
लो बन गया देश का बागी नेता। बन गया … बन गया …

ॐ . ੴ . اللّٰه . † …….
Om.Onkar. Allâh.God…..
Jai Hind! Jai Jagat (Universe)!

- ग़ुलाम कुन्दनम्
प्रत्यासी, आम आदमी पार्टी,
काराकाट (35) लोकसभा .बिहार.


चुनाव आयोग को कई बार फ़ोन और ई-मैल कर चुक हूँ । मुख्य चुनाव आयुक्त के
कार्यालय पर एक दिन का उपवास भी कर आया हूँ पर उनके कान पर जूँ तक अभी
नहीं रेंगी है। ईमैल की प्रति निम्न है :-

---------- Forwardedmessage ----------
From: Ghulam kundanam<ghulam.kundanam@gmail.com>
Date: Fri, 11 Apr 2014 07:18:21 -1200
Subject: काराकाट लोकसभा ३५ का चुनाव परिणामरोकने तथा पुनःमतदान कराने के
सम्बन्ध में।
To: vs.sampath@eci.gov.in
Cc: ceo_bihar@eci.gov.in,hs.brahma@eci.gov.in,nasimzaidi@eci.gov.in,bala@eci.gov.in,dralokshukla@eci.gov.in,prasana.dash@eci.gov.in,akshaykrout@gmail.com,tkumar@eci.gov.in,sram@eci.gov.in,kakumar@eci.gov.in,rksrivastava@eci.gov.in,kfwilfred@eci.gov.in,
bjohn@eci.gov.in,ystandhope@eci.gov.in,skrudola@eci.gov.in,varinderkr@eci.gov.in,knbhar@eci.gov.in,anuj@eci.gov.in,narendranb@eci.gov.in,ashish@eci.gov.in,smukherjee@eci.gov.in,mohammad.amin@eci.gov.in,mamin_india@yahoo.co.in,mendiratta.sk@eci.gov.in,
andas@eci.gov.in,jkrao@eci.gov.in,sbjoshi@eci.gov.in

सेवा में,
मुख्य चुनाव आयुक्त,
नई दिल्ली।

विषय  : -  काराकाट लोकसभा ३५ का चुनाव परिणाम रोकने तथा पुनः मतदान
कराने के सम्बन्ध में।

महोदय,
हमनें पॉवर ग्रिड कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड और उसके ठीकेदार कल्पतरु पॉवर
ट्रांसमिशन लिमिटेड के द्वारा नबीनगर - पुसौली 400 केवीए ट्रांसमिशन लाइन
के मार्ग चयन  में किये गए  भ्रष्टाचार के खिलाफ अकेले ही आंदोलन  किया
था. भ्रष्टाचार की जांच के बजाय मुझे ही झूठे मुकदमे में पुलिश के साथ
मिली भगत  कर जेल  भेज दिया गया था और लाइन खिंच  ली  गयी  थी .  मेरे
ऊपर धारा ३८४ भी लगाया गया था. धारा ३८४ की जगह ADR  संस्था ने ३६४ दिखा
दिया। जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी सदस्य श्री मनीष सिसोदिया ने एक टीवी
कार्यक्रम में अभिनेता अमीर खान से हमारा काराकाट लोकसभा टिकट वापस लेने
की बात  कही थी।  जांच में धारा ३६४ मेरे खिलाफ  नहीं पाया गया, इसलिए
मेरा टिकट वापस पार्टी ने नहीं लिया. परन्तु कई इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट
मीडिया ने मेरा टिकट काटे जाने का समाचार दे दिया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
(टीवी)  ने अपने समाचार का कोई खंडन प्रसारित नहीं किया। प्रिंट मीडिया
ने टिकट काटे जाने को बड़ी खबर की तरह  पेशकी तो नहीं कटने की खबर बहुत ही
छोटे खबर की तरह निकाला।  इसके कारण हमारे कार्यकर्ता और मतदाता निराश और
भ्रमित  हो गए तथा वोट का झुकाव दूसरों की तरफ हो गया। हमारे प्रतिद्वंदी
इस खबर को फ़ोन के द्वारा भी फैला रहे  थे  और भूमि विवाद सहित कई  तरह की
अफवाह उड़ाई गयी।  हमनें जिला निर्वाचन  पदाधिकारी से चुनाव की तिथि बढ़ाने
या चुनाव रद्द करने की मांग की थी, ताकि हम मतदाताओं को संच  बता सकें.
हमने अनशन करने की अनुमति प्रदान करने की मांग भी की  थी।  परन्तु हमारी
कोई भी मांग नहीं मानी गयी. हम आपसे निवेदन करते हैं की काराकाट लोकसभा
का चुनाव परिणाम रोक दिया जाए तथा पुनः मतदान कराया जाए।
हमें न्याय  न मिलने की स्थिति में हम आपके समक्ष मतदान को प्रभावित किये
बगैर अंतिम मतदान के बाद आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे.

आपका विश्वासी,
ग़ुलाम कुन्दनम,प्रत्यासी,
आप, काराकाट लोकसभा ३५,बिहार.
मो. 9931018391

उच्चतम न्यायालय को भी ई-मेल, ई-फाईल और स्वयं जाकर भी आवेदन दे चुका हूँ
। ई-मेल और ई-फ़ाईल पी आई एल इगलिश अनुभाग में लौज किया गया है। पर उस पर
शायद कोई सुनवाई नहीं होगी । आवेदन की प्रति है :-

---------- Forwarded message ----------
From: Ghulam kundanam<ghulam.kundanam@gmail.com>
Date: Sat, 10 May 2014 14:16:04 +0530
Subject: काराकाट लोकसभा 35, बिहार की वर्तमान चुनाव प्रक्रिया रद्द कर
दोबारा चुनाव कराने, मानहानि का दावा दिलाने, सशक्त प्रभावी "न्यायिक
जबाबदेही बिल" एवं "मीडिया जबाबदेही बिल" बनवाने के संबंध में।
To: "supremecourt@nic.in"<supremecourt@nic.in>
Cc: "hcpat-bih@nic.in"<hcpat-bih@nic.in>

सेवा में,
भारत के मुख्य न्यायाधीश,
नई दिल्ली।

विषय  : -  काराकाट लोकसभा 35, बिहार की वर्तमान चुनाव प्रक्रिया रद्द कर
दोबारा चुनाव कराने, मानहानि का दावा दिलाने, सशक्त प्रभावी "न्यायिक
जबाबदेही बिल" एवं "मीडिया जबाबदेही बिल" बनवाने के संबंध में।

महोदय,
            हमनें पॉवर ग्रिड कारपोरेशनइंडिया लिमिटेड और उसके ठीकेदार
कल्पतरु पॉवर ट्रांसमिशन लिमिटेड के द्वारा नबीनगर - पुसौली 400 केवीए
ट्रांसमिशन लाइन के मार्ग चयन  में किये गए  भ्रष्टाचार के खिलाफ अकेले
ही आंदोलन किया  था. भ्रष्टाचार की जांच के बजाय मुझे ही झूठे मुकदमे
(डेहरी  २८०/२०१२)  में पुलिश के साथ मिली-भगत  कर जेल भेज दिया गया था
और लाइन खिंच ली  गयी  थी .  मेरे ऊपर धारा  ३८४ भी लगाया गया था. धारा
३८४ कीजगह A D R  संस्था ने ३६४ दिखा दिया।  जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी
सदस्य श्री मनीष सिसोदिया ने एक टीवी कार्यक्रम में अभिनेता अमीर खान
द्वारा आपराधिक छवि के उम्मीदवार "आप" में भी होने की बात कहने पर उनसे
हमारा काराकाट लोकसभा टिकट वापस लेने की बात  कही थी।  जांच में धारा ३६४
मेरे खिलाफ नहीं पाया  गया,  इसलिए मेरा टिकट वापस पार्टी ने नहींलिया.
परन्तु कई इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया ने मेरा टिकट काटे जाने का
समाचार ब्रेकिंग न्यूज़ की तरह 2 दिनों तक दिखाया। इलेक्ट्रॉनिक
मीडिया(टीवी) ने अपने समाचार का कोई खंडन प्रसारित नहीं किया। प्रिंट
मीडिया ने टिकट काटे जाने को बड़ी खबर की तरह  पेश किया, तो नहीं कटने की
खबर बहुत ही छोटे खबर की तरह निकाला।  इसके कारण हमारे कार्यकर्ता और
मतदाता निराश और भ्रमित  हो गए तथा वोट का झुकाव दूसरों की तरफ हो गया।
हमारे प्रतिद्वंदी इस खबर को फ़ोन के द्वारा भी फैला रहे  थे  और भूमि
विवाद सहित कई  तरह की अफवाह उड़ाई गयी।  हमनें जिला निर्वाचन  पदाधिकारी
से चुनाव की तिथि बढ़ाने या चुनाव रद्द करने की मांग की थी, ताकि हम
मतदाताओं को संच  बता सकें.   हमने अनशन करने की अनुमति प्रदान करने की
मांग भी की  थी।  परन्तु हमारी कोई भी मांग नहीं मानी गयी. भ्रष्टाचार
के उपरोक्त मामले  को  मैंCVO ,  CVC , CAG, CBI तक उठा चूका हूँ। CVC ने
C V O  को जाँच के लिए लिखा था पर कोई भीजाँच रिपोर्ट अभी तक मुझे नहीं
मिली है।

निचली अदालत भी भ्रष्टाचार से प्रभावित है तथा ह्विसिल ब्लोवर को
प्रोटेक्सन देने के बजाय प्रताड़ित करने में पॉवर ग्रिड कारपोरेशन इंडिया
लिमिटेड के सामूहिक और संगठित साजिश में पुलिस के साथ सहयोगी की भूमिका
निभा रही है । भ्रष्टाचार के सारे प्रमाण देने के बाद भी भ्रष्टाचार का
मामला दर्ज करने  का कोई आदेश नहीं दियागया  है,  झूठे FIR  और पुलिश की
बेबुनियाद आरोप - पत्र  के आधार पर एक तरफा कार्यवाही की जा रही है।

हम आपसे सविनय निवेदन करते हैं की :-
 1. काराकाट लोकसभा 35, बिहार की वर्तमान चुनाव प्रक्रिया रद्द कर दिया
जाए तथा पुनः मतदान कराया जाए।

2. मेरे खिलाफ झूठे मुकदमे FIR280/12 Dehri , Case No. GR 219/12 SDJM,
Dehri (State Vs Ghulam Kundanam) / TR2344/13 की तथामेरे द्वारा
पर्दाफास किये गए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष न्यायिक आयोग अथवा एजेंसी
द्वारा जाँच करायी जाए। मेरे मुकदमे को सर्वोच्य न्यायलय में स्थानांतरित
किया जाये. मेरे मानहानी का दावा पॉवर ग्रिड कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड के
खिलाफ़ मंजूर किया जाए।

3. मुझे सामाजिक कार्यकर्ता से अपहर्ता बनाने वाली A D R  संस्था तथा
अभिनेता अमीर खान पर मानहानि का मुकदमा चलाया जाए और मुवाबज़ा दिलाया जाए.

4. बिना जाँचे परखे या जानबूझ कर मीडिया किसी को भी बदनाम कर देती है।
जनहित में मीडिया की भी जबाबदेही तय की जाए। " मीडिया जबाबदेही बिल"
बनवाने के दिशा में समुचित कार्यवाही की जाए।

5. न्यायधीशों की कमिटी सशक्त प्रभावी " न्यायिक जबाबदेही बिल" का मसौदा
तैयार कर संसद को पास करने के लिए भेजे ताकि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार
की कोई गुंजाईश न रह जाए ।

उपरोक्त सभी कार्य अविलंब हों इसके लिए सविनय सत्याग्रह स्वरूप न्याय के
इस मंदिर के द्वार पर निराहार रहते हुए अविराम सर्वधर्म प्रार्थना करने
की अनुमति प्रदान करने की कृपा की जाए अथवा मेरी गिरफ़्तारी स्वीकार की
जाए ।

आपका विश्वासी,
ग़ुलाम कुन्दनम, प्रत्यासी,
आम आदमी पार्टी,
काराकाट लोकसभा 35.बिहार.

स्थाई पता :
ग्राम +पोस्ट - जमुहार,
जिला - रोहतास, बिहार - 821305.

मीडिया की भूमिका :-
मेरे उपर मुकदमे से संबंधित सारे दस्तावेज मीडिया के पास दो वर्ष पहले से
हैं यहाँ तक कि एफ़ आई आर की प्रति भी । उस समय भी एक कांग्रेसी नेता
द्वारा मेरे उपर आक्षेप मीडिया में किया गया था भ्रष्टाचारियों को बचाने
के लिये। मैंने उनका जबाब दिया था पर किसी भी अखबार ने उसे प्रकाशित नहीं
किया था। उसके पहले किये गये मेरे आन्दोलन की खबर छपी थी। इसी मामले में
जब ए डी आर ने धारा 384 की जगह 364 दिखा कर मुझे हत्या और अपहरण का
अभियुक्त बताया था तब भी मैंने इसे गलत ई-मेल से और जिसने फोन किया उसे
फोन पर बता चुका था । फ़िर भी जानबूझकर एक खास उमीदवार को लाभ पहुँचाने के
लिए "काराकाट आप प्रत्याशी का टिकट कटा" शिर्षक से सनसनीखेज़ भ्रामक खबर
छापी गयी और टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़ चले। इसके जबाब में भी हमने प्रेस
विज्ञाप्ति जारी किया था । कुछ मीडिया साथियों का कहना था की वे किसी
दूसरे मीडिया के खिलाफ नहीं छापते अर्थात एक खास प्रकार का आधुनिकतम
जातिवाद मीडिया में है। कुछ मीडिया के साथियों का कहना था " जिस पार्टी
से विज्ञापन मिल रहे हैं उनकी खबर ही छप रही है, नीचे से हम भेज भी रहे
हैं तो उपर से कट जा रहा है।" इससे स्पष्ट हो जाता है मीडिया के मालिक
इसे पूर्णतः व्यवसायिक बना चुके हैं । इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लोगों ने
भी बाईट लिया था पर अज्ञात कारणों से वे भी उसे नहीं दिखा सके। वे अज्ञात
कारण नैतिक थे या अनैतिक मुझे जानकारी नहीं है। इस पुरे मामले में मीडिया
इस लेख और कविता के लिखे जाने तक मेरी आवाज़ नहीं उठा पायी है।

देश के इन चारो स्तंभों से मुझे न्याय मिलने की अभी भी आशा टूटी नहीं है ।

फ़ेसबुक लिंक :-
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जय हिन्द ! जय हिन्द ! जय हिन्द !

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Aires Rodrigues

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