प्रिये युवाओ,भाद्र्पुर्शो व मात्र्शक्ति ! आज हमारी संस्कृति छीन-भिन्न हो चुकी हैं हमारा खान-पान,रहन-सहन, वेश भूषा ,आचार-विचार सब कुछ बदल गया हैं!देश की युवा पीढ़ी नसे के कारण बर्बाद हो रही हैं घर के सदस्यों में आपसी प्रेम समाप्त हो चूका हैं,बेरोजगारी, गरीबी, आतंकवाद और आपसी फूट के कारण हमारा देश फिर से गुलाम होने के कगार पर हैं, अपने आपको देश का ठेकेदार मानने वाले लोग भी भ्रस्ताचार की दल-दल में बुरी तरह से फसे हुए हे,ऐसी परिस्तिथि में श्री राम और श्री कृषण की संस्कृति की रक्छा कौन करेगा? इन समसियाओं का समाधान केवल एक ही हैं -प्राचीन विधा! जिसके बल पर हमारा देश विश्व गुरु कहलाता था! उसी विधा के बल पर हमने दुनिया पर करोडो वर्ष तक राज किया! महाभारत की लड़ाई के बाद जब इस विधा का पड़ना-पढाना छुट गया तब हम हजारों वर्षो तक विदेशियों के गुलाम रहे और हमारे पूर्वजो ने लाखो अतियाचार सहें !आज भी यदि इस विधा को हमने नहीं पड़ा तो आने वाले भयंकर दुखो से हम बच नहीं पाएंगे! इसलिए युवाओ ,भद्र पुरषों से प्रार्थना हैं की राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा द्वारा निर्देशित दो दिवसीय लघु गुरु कुल आर्य प्रसिक्छन सत्र में आकर ऋषि-मुनियों की इस पवन विधा को जान कर अपना,बच्चो का,अपने समाज का और राष्ट्र का कल्याण करे !
"गुरु कुल के नियम"
1 .इस में पुरुष व महिला आ सकते हैं
2 .आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए
3 .पूरा समय सत्र में रहना अनिवारिये हैं
4 .भोजन और आवास का प्रबंध निशुल्क होगा
5 .बैठने के लिए गदा व कुर्शी पर सुविधा अनुसार बैठ सकते हैं
6 .सत्रार्थी सत्य का जिज्ञासु,धार्मिक और राष्ट्रीय भावना वाला होना चाहिए
7 .गुरु कुल में वैज्ञानिक ढंग से रोचक प्रशन उतर होंगे कोई भी हठ-दुराग्रह न करे, एक दुसरे का सामान करे !
"सत्य को ग्रहण करने में और असत्य को छोड़ने में हमेशा तैयार रहना चाहिए यही सुख का उपाए हैं "
5-6 अक्टूबर 2013सुबह9:30 से शाम 6 बजे , आप से नम्र निवेदन हे समय पर पहुंचे , वेदोक्त ज्ञान द्वारा , वियाक्तिगत ,शारीरिक , मानसिक ,आर्थिक,शिक्छा ,सामाजिक,धार्मिक,राष्ट्रीय,उथान के लिए ज्ञान अर्जित कर स्वयं को परिवार को व समाज को प्रगति के लिए अग्रसर हो ?(आप इन विषयो पर तर्क कर सकते हे व अपनी जानकारी बाँट सकते हे )
गुरु कुल आयोजन स्थान :- 5-6 अक्टूबर 2013,रवा राजपूत धर्मशाला,नजीबाबाद,बिजनौर,उ० प्र०, सम्पर्क:- आर्य राजेन्द्र - 09837317062
5-6 अक्टूबर 2013,Evergreen Public School,गांव रणसूरा,सहारनपुर,उ० प्र०, सम्पर्क:- आर्य सुरेन्द्र - 07500319237
5-6 अक्टूबर 2013,आर्य समाज शिवाजी कालोनी रोहतक, सम्पर्क:- आर्य वेदप्रकाश - 09416147217
5-6 अक्टूबर 2013,आर्य समाज गांव माहरा,जिला सोनीपत,हरयाणा,सम्पर्क:- आर्य नरेन्द्र 08053562978
5-6 अक्टूबर 2013,S.S.N Public School,गांव गंगा टेहडी पोपडा,जिला करनाल,हरयाणा,सम्पर्क:- आर्य रामफल 08930512895,9068991350
5-6 अक्टूबर 2013,छोटूराम धरमसाला , बहादुरगढ़,हरयाणा, सम्पर्क:- आर्य रामबीर जी 09312523084
On Fri, Sep 27, 2013 at 2:53 PM, M.N.Seshadri <manavasi.seshadri@gmail.com> wrote:
Hullo Pl quickly ask Rahul about RTI being made applicable for political
parties . I would like to ask a dozen questions . I am sure he would like to
take the lead in agreeing to this after he condemned in a hurry the
ordinance to protect the convicted guys !!! Seshadri
-----Original Message-----
From: indiaresists-request@lists.riseup.net
[mailto:indiaresists-request@lists.riseup.net] On Behalf Of Sarbajit Roy
Sent: Friday, September 27, 2013 12:46 PM
To: G.S. Beniwal; indiaresists
Subject: Re: [IAC#RG] Violation of "National Anti-Corruption Strategy" by
DoPT officers.
Dear Mr. Beniwal
It is of the CVC (Central Vigilance Commission) - which is administratively
under DoPT.
http://www.cvc.nic.in/nacs26082010.htm
BUT, the NACS is an extremely badly drafted document which has been drawn up
by some NGOs and corrupt ex-babus. It is still in "final draft" form since
2010 and it is a major embarrassment to DoPT and UPA.
So I am only using it to "poke" DoPT.
Hope this clarifies.
Sarbajit
On 9/27/13, G.S. Beniwal <beniwalg@ymail.com> wrote:
> Roy sir, may i know which authority issued this policy and does this
policy
> applies to MoD/departments ?. rgds. beniwal (66yrs)
>
> ________________________________
> From: Sarbajit Roy <sroy.mb@gmail.com>
> To: secy_mop <secy_mop@nic.in>; jsata <jsata@nic.in>; jsv-dopt
> <jsv-dopt@nic.in>; indiaresists <indiaresists@lists.riseup.net>
> Sent: Friday, 27 September 2013 6:58 AM
> Subject: [IAC#RG] Violation of "National Anti-Corruption Strategy" by
> DoPT officers.
>
>
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