प्रेम शकर झा, जो की एक सम्मानित पत्रकार हैं ने लिखा है, कि सरकार के पास पुलवाना हमले की जानकारी थी. (ठीक उसी तरह जैसे गुजरात सरकार के पास गोदरा हमले की जानकारी थी) किन्तु जान बूझ कर इसे होने दिया गया (जैसे गुजरात में होने दिया गया). प्रेम शकर झा के अनुसार एक नहीं दो सूत्रों ने हमले की आगामी जानकारी दे दी थी. विश्लेषकों के अनुसार हमले से होने वाले चुनावी फायदे के लालच में सरोबार भारत के सबसे बड़े देश भक्त ने CRPF के जवानो की बली चढ़ा दी. भारतीय राजनीति की विशेषज्ञ आसीमा सिन्हा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है. Prem Shkar Jha is a very serious journalist. His claims about how the government may have prevented Pulwana but did NOT, need to be taken seriously. मुझे अपने देश से प्यार है. लेकिन क्या देशभक्ति के नाम पर वोट मांगने वालों को है? तो ये पूछना जरूरी है की पुलवामा कैसे हुआ? अगर ऊपर विशेषज्ञों ने जो कहा वो गलत है, और सरकार को सचमुच इसकी एक या दोदिन पहले कोई ख़ुफ़िया जानकारी नहीं मिली और हमले के दिन भी सुरक्षा तंत्र को ये आभास तक नहीं हो सका कि कोई आदमी कश्मीर की सड़कों पर एक हजार किलो बम्ब लिए घूम रहा है, और CRPF के कारवां की तरफ बढ़ रहा है... तो फिर देश सुरक्षित हाथों में कैसे है? ......... चुनाव जीतने के लिए के CRPF के जवानो को मरवा देंगे..
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